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श्री मदभागवत अमृत रूपी कथा सुनने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं – संगीता किशोरी जी*

सुलतानपुर
तहसील क्षेत्र बल्दीराय के बाबा दुल दुलदास की कुटी पर चल रही सतचंडी महायज्ञ मे अयोध्या धाम से पधारे आचार्य पंडित रामानंद त्रिपाठी एवं आचार्य अमित त्रिपाठी ,अरविंद शास्त्री ,पंडित विश्वनाथ मिश्र, अतुल दुबे , सत्यदेव दुबे, अजय , अंकुर , प.आदित्यमणि , कैलाश , सालिग्राम एकादश वैदिक विद्वानों द्वारा सतचंडी महायज्ञ सम्पादित हो रहा है। यज्ञ के तीसरे दिन पंडित रामानंद त्रिपाठी ने बताया जब जब देवताओं पर आपदा आती है तब तब मां भगवती जगदंबा देवताओं के कल्याण हेतु ज्योति स्वरूप में दिव्या स्वरूप धारण कर देवताओं का कल्याण करती हैं ।उसी के साथ
मनुष्यों का कल्याण होता है।
सर्बा बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति नसंशयः।
जब जब जीव पर आपदा आती हैं तब तब मां भगवती बाधा निवारण हेतु धन धान्यों व सुत से युक्ति प्रदान करती है। इसमें कोई संशय नहीं है तथा क्षेत्रीय लोगो से आवाहन किया है कि अधिक से अधिक लोगों को यज्ञ की परिक्रमा कर अपने को कृतार्थ करना चाहिए। ऐसा समय जीवन में बहुत ही कम मिलता है।
वही अपराह्न दो बजे से वृंदावन से पधारी देवी संगीता किशोरी के मुखारविंद से 5 बजे तक श्री मद् भागवत पुराण कथा का आयोजन होता है। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि श्री मद् भागवत क्यों सुनना चाहिए। श्रीमदभागवत में अमृत रस है जिसका रसपान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते है और लोगो का जीवन सार्थक हो जाता है। इस मौके पर मोनू तिवारी, बृजेन्द्र तिवारी, राकेश कुमार यादव, प्रेम सागर ,गंगा सागर,सत्य देव गुप्ता, करूणा शंकर त्रिपाठी, सुरेश कुमार तिवारी , संतराम तिवारी, राधेश्याम तिवारी, निगम जी वीरेंद्र मिश्रा आदि सैकड़ों प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे।

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